अब न जागे तो जागने का मौका ही न मिलेगा,
अब न उतरे दौड में तो कभी दौड ही न पाओगे,
न कह दूसरों को की तेरे किये वो लड़ बैठें,
कल न कहना की अफ़सोस मैं भी जाता,
हैं आज वो तीन रंग पुकारते उतरने को तेरी रग में,
की न कर उनको दरकिनार एक कोने में सजाके........
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