Sunday, August 21, 2011

अब न जागे तो....

अब न जागे तो जागने का मौका ही न मिलेगा,
अब न उतरे दौड में तो कभी दौड ही न पाओगे,

न कह दूसरों को की तेरे किये वो लड़ बैठें,
कल न कहना की अफ़सोस मैं भी जाता,

हैं आज वो तीन रंग पुकारते उतरने को तेरी रग में,
की न कर उनको दरकिनार एक कोने में सजाके........

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