Thursday, January 26, 2012

अभी जिंदा है जुनून

मेरा पसीना जब भी उतरके आता है मेरी आँखों में,
लगता है मेरी साँसों में गर्माहट अभी जिंदा है।

जुबां जब भी सूख के सख्त हुई है,
लगता है मेरी रगों में प्यास अभी जिंदा है।

जब कभी भी लहू दौड़ते दौड़ते आंसुओं में ढलकता है,
लगता है मेरे लहू का लाल रंग अभी जिंदा है।

खुली सुबह जब भी खाली सड़क पे दौड़ पड़ता हूँ,
लगता है मेरे क़दमों में रवानी अभी जिंदा है।

न पंख हैं न हवा का रुख है, फिर भी उड़ जाने का दिल है,
लगता है तब मेरे दिल में उड़ने का जुनून अभी जिंदा है।

न मै अभी लौटा हूँ न मैंने अभी चाह छोड़ी है,
लगता है मेरे सपनो में मंजिल अभी जिंदा है ..............

2 comments:

Unknown said...

न मै अभी लौटा हूँ न मैंने अभी चाह छोड़ी है,
लगता है मेरे सपनो में मंजिल अभी जिंदा है...
bahut badhiya.. kaafi dino baad kuchh achchha sunne ko mila..... keep it up..

Rahul said...

jabardast bhai ....
really a inspiring lines.
thanks a lot!!!
After some days always needed these kind of lines to get inspired.
Keep on writing ...
God Bless :)