Tuesday, July 31, 2012

हर खून से जो श्वास निकले, जय हिंद

हर खून से जो श्वास निकले, जय हिंद,
हर श्वास से जो, खून गाए, जय हिंद,
हर एक स्पंदित बूँद बोले, जय हिंद,
कलरव एक ताल में बिन हिंद, जो शून्य होवे,
निज शून्य भी इक राग व्यापित, जय हिंद,
यह कल्पना नित श्वास दौड़े हर हिंद,
चल खेल ले एक आस आज तू भी ए हिंद,
कि कल फिर न बोले शून्य हर एक आस भी............

No comments: