skip to main
|
skip to sidebar
Saturday, May 30, 2009
वो जो वक्त थाम लेने की ख्वाहिश देखी थी हमने........
"तू जो रुकी सी थी उन रुके लम्हों में,
वो जो बंधा सा था मै एक थमे साए से,
गुजर गई है वो तारीख़ बदलते पन्नो की आवाज़ में,
वो जो वक्त थाम लेने की ख्वाहिश देखी थी हमने........"
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)
Parthe kriti
Blog Archive
►
2018
(1)
►
November
(1)
►
2012
(3)
►
July
(2)
►
January
(1)
►
2011
(9)
►
August
(6)
►
February
(2)
►
January
(1)
►
2010
(3)
►
December
(1)
►
July
(2)
▼
2009
(2)
▼
May
(1)
वो जो वक्त थाम लेने की ख्वाहिश देखी थी हमने........
►
March
(1)
►
2007
(8)
►
December
(2)
►
October
(4)
►
September
(2)
About Me
parthe
View my complete profile