"तू जो रुकी सी थी उन रुके लम्हों में,
वो जो बंधा सा था मै एक थमे साए से,
गुजर गई है वो तारीख़ बदलते पन्नो की आवाज़ में,
वो जो वक्त थाम लेने की ख्वाहिश देखी थी हमने........"
Saturday, May 30, 2009
Thursday, March 19, 2009
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